भारत को दोस्ती निभाने की सजा देगा यूरोप !


 

भारत और यूरोप की दोस्ती

यूरोप से भारत के लिए एक बहुत ही शॉकिंग खबर आई है और निश्चित तौर पर हमारे लिए यह एक चिंताजनक खबर के तौर पर देखी जाएगी, खबर है कि यूरोपियन यूनियन जो कि यूरोप के 27 अमीर और ताकतवर देशों का संगठन है इसमें एक प्रस्ताव लाया गया है 

 प्रस्ताव है-भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध का

 दरअसल इस प्रस्ताव में यह कहा गया है कि भारत की कुछ कंपनियां यूरोपियन देशों के प्रतिबंधों को तोड़कर और बार-बार वार्निंग दिए जाने के बावजूद रूस के साथ लगातार व्यापार कर रही है और बताया जा रहा है कि इसमें हथियारों के व्यापार की बात की गई है और इसीलिए अब समय आ गया है कि भारत की इन कंपनियों पर कड़ा एक्शन लिया जाए और कड़े एक्शन का मतलब है कठोर प्रतिबंध,हालांकि सिर्फ भारतीय कंपनियों की बात नहीं की गई है टोटल चार कंपनियों की यहां पर बात हो रही है जिसमें तीन चीनी कंपनियों की बात है और एक भारतीय कंपनी की बात है हालांकि अभी तक इस प्रस्ताव से यह बात निकलकर सामने नहीं आई कि किस भारतीय कंपनी को यहां पर टारगेट किया जा रहा है या किस चीनी कंपनी को टारगेट किया जाएगा इस नाम का पता या इस प्रस्ताव की डिटेल हमें तभी पता चल पाएंगी जब यह प्रस्ताव यूरोपियन यूनियन की जो पार्लियामेंट है वहां आएगा और उसकी लिस्टिंग में हमें इस चीज के बारे में पता चल पाएगा तो खैर इस डिटेल के बारे में जब पता चलेगा तब बात करेंगे

अब बात करते हैं मेन मुद्दे की तो खैर जब यह खबर निकल कर सामने आई है तब से यह सवाल पूछा जा रहा है कि भारत इसका जवाब कैसे देगा, क्योंकि यह पुराने वाला भारत तो बिल्कुल नहीं है कि मार खाकर बैठ जाएगा यह तो घर में घुसकर मारने वाला भारत है मुंह तोड़ जवाब निश्चित तौर पर मिलेगा और जवाब आ भी चुका है, गवर्नमेंट सोर्सेस ने बताया है कि भारत सरकार को इस बारे में पता चल चुका है कि किसी ऐसे प्रस्ताव को लाया जा रहा है और इसीलिए फिलहाल भारत इस प्रकार की जो रिपोर्ट आ रही हैं इन्हें स्टडी कर रहा है और यह पता लगाने में जुटा है कि किन प्रतिबंधों की यहां बात हो रही है और किन कंपनियों पर प्रतिबंधों की बात हो रही है और क्या इसमें इंडिविजुअल्स को भी टारगेट किया जाएगा यानी कि जो कंपनी से जुड़े हुए डायरेक्टर होते हैं क्या उन पर भी एक्शन लिया जाएगा इन सभी चीजों को भारत फिलहाल जानने की कोशिशों में लगा हुआ है

भारत इस पूरे मामले को स्टडी कर रहा है और निश्चित तौर पर जब प्रतिबंधों का यह मामला आगे बढ़ेगा तो भारत यूरोपियन देशों के साथ बातचीत निश्चित तौर पर करेगा और पूरी कोशिश यही होगी कि प्रतिबंध ना लगे लेकिन अगर प्रतिबंध लगते हैं तो ऐसी स्थिति में भारत कतई भी पीछे नहीं हटने वाला भारत कोई ना कोई बड़ा एक्शन ले सकता है क्योंकि ऐसा नहीं है कि सारी बाजियां यूरोप के अमीर देशों के हाथ में है कुछ बाजी हमारे हाथ में भी है यूरोप के कुछ देशों की नशे हम भारत में बैठकर खींच सकते हैं लेकिन एक बात आप तय मान कर चलिए अगर भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध की बात होती है तो यह छोटी बात नहीं होगी इस मामले पर खूब हल्ला कटेगा| यूरोप में, भारत में पूरी दुनिया में इस पर खूब चर्चा होगी |

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